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उपलब्धियां और प्रगति
दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की विगत 3 वर्षो की महत्वपूर्ण उपलब्धियां
मा0 मुख्यमंत्री जी श्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिव्यांगजन की अपेक्षाओं का सम्मान करते हुए
"विकलांगजन विकास विभाग "
का नाम परिवर्तित कर
"दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग"
किया गया।
दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्तीरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य को सर्वश्रेष्ठ राज्य का राष्ट्रीय पुरस्कार भारत सरकार द्वारा "03 दिसम्बर, 2015" को "विश्व दिव्यांग दिवस" के अवसर पर प्रदान किया गया।
उत्कृष्ट एवं बाधारहित वातावरण के लिए डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ को 03 दिसम्बर, 2014 "विश्व दिव्यांग दिवस" के अवसर पर भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
दिव्यांगजन के समग्र विकास हेतु, "राज्य पुनर्वास नीति 2014" प्रख्यापित की गयी, जिसमें दिव्यांगजन के दैनिक जीवन से सम्बन्धित शैक्षिक, भौतिक, आर्थिक, पुनर्वास के साथ-साथ स्वास्थ्य, रोजगार, बाधारहित वातावरण, आवागमन सम्बन्धी सुविधाएं, निःशक्तता का प्रमाण-पत्र, समाजिक सुरक्षा आदि पर विशेष रूप से सुविधाओं का प्राविधान किया गया।
दिव्यांग जन को निःशक्तता प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया जिसके फलस्वरूप मुख्य चिकित्साधिकारी की अध्यक्ष्ता में गठित बोर्ड के समक्ष दिव्यांग जन को जाने की बाध्यता को समाप्त कर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारी द्वारा दिव्यांग जन को स्पष्ट दिखाई देने वाली निःशक्तताओं के दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी कराने की व्यवस्था कराई गयी।
डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय दिव्यांग विश्वविद्यालय के परिसर में मा0 मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा से कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण केन्द्र की स्थापना की गयी है। जहाँ पर दिव्यांगजन को कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण प्रदान कर लाभान्वित किया जा रहा है।
दिव्यांग पेंशन योजना के अन्तर्गत अधिकाधिक दिव्यांगजन को आच्छादित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने विगत 03 वर्षों में 1,43,359 नवीन दिव्यांगजन को दिव्यांग पेंशन स्वीकृत कर लाभान्वित किया गया। दिव्यांग पेंशन से नवीन लाभान्वित किये गये दिव्यांगजन में 21,163 अल्पसंख्यक समुदाय के दिव्यांगजन को लाभान्वित किया गया। डा0 राम मनोहर लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना के अन्तर्गत 5800 चयनित लोहिया ग्रामों में कुल 61,008 दिव्यांगजन को दिव्यांग पेंशन से लाभान्वित किया गया है।
शादी-विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 17-18 में 1320 दंपत्तियों को लाभान्वित किया गया है।
समाज में निराश्रित मानसिक मंदित एवं मानसिक रूप से रूग्ण निराश्रित दिव्यांगजन को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने एवं उनके दैनिक जीवन-यापन को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा आश्रय गृह सह प्रशिक्षण केन्द्र संचालित करने हेतु स्वैछिक संस्थाओं को अनुदान दिये जाने के लिए धनराशि की व्यवस्था कराई गयी थी।
विभाग द्वारा डिस्लेक्सिया व अटेंशन डैफिसिट एण्ड हापर एक्टिविटी सिन्ड्रोम प्रभावित बच्चों की पहचान हेतु अध्यापकों को प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारम्भ किया गया है।
प्रदेश के निर्धन एवं असहाय दिव्यांग व्यक्तियों की निःशक्तता निवारण हेतु शल्य चिकित्सा सहायता दी जाती है। शल्य चिकित्सा अनुदान योजना के अन्तर्गत विगत 03 वर्षों में 1565 दिव्यांगजन को लाभान्वित किया गया।
दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के कक्षा 01 से 12 तक के पाठ्यक्रम के विभिन्न विषयों की पुस्तकों को ब्रेल लिपि में प्रिन्ट कराने के लिए ब्रेल प्रेस की स्थापना जनपद लखनऊ में की गयी।
दिव्यांगज को विभिन्न कार्यो के लिए आने-जाने की सुविधा देने के उद्देश्य से 40 प्रतिशत निःशक्तता प्रमाण-पत्र धारक को उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में नि:शुल्क बस यात्रा की सुविधा प्रदान की जा रही है। तीन वर्षो में कुल रू0 98.33 करोड़ का भुगतान परिवहन निगम को किया गया।
दिव्यांग कर्मचारियों को अपने आवास से कार्य-स्थल पर आने और निवास तक वापस जाने में होने वाली कठिनाईयों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में कार्यरत दिव्यांगजन कार्मिकों को पूर्व से अनुमन्य वाहन भत्ता की दरों में वृद्धि करते हुए वाहन भत्ता की दर दोगुनी करने का शासनादेश निर्गत किया गया।
मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ में अध्ययनरत दिव्यांग विद्यार्थियों को नि:शुल्क प्रवेश तथा छात्रावास में आवास एवं भोजन की नि:शुल्क सुविधा प्रदान की जा रही है।
दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित एवं अस्थिबाधित श्रेणी के दिव्यांग विद्यार्थी अभी तक अपनी निःशक्तता के अनुसार अलग-अलग विशेष विद्यालयों में अध्ययन करते थे जिनमें छात्रावास एवं बाधारहित वातावरण की सुविधा सामान्य विद्यालयों में न होने को दृष्टिगत रखते हुए अब एक छत के नीचे इन श्रेणी के विद्यार्थियों को सामान्य छात्रों के साथ इण्टरमीडिएट स्तर तक की विशेष शिक्षा, विभाग के समेकित माध्यमिक विद्यालयों में उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बाधारहित वातावरण से युक्त आवासीय विद्यालयों की स्थापना जनपद औरैया, कन्नौज, इलाहाबाद, लखनऊ, बलिया एवं आजमगढ़ में की जा रही है।
दृष्टिबाधित बालिकाओं को शिक्षित कर उन्हें समाज की मुख्या धारा में जोड़ने के उद्देश्य से जनपद सहारनपुर, लखीमपुर खीरी एवं जनपद मिर्जापुर में एक-एम नवीन राजकीय स्पर्श बालिका इण्टर कालेज की स्थापना की जा रही है।
प्रदेश में अभी तक मूक-बधिर विद्यार्थियों के लिए कोई भी इण्टरमीडिएट स्तर का विद्यालय न होने के दृष्टिगत जनपद लखनऊ में मूक-बधिर बालकों का एवं जनपद गोरखपुर में बालिकाओं का पहला राजकीय मूक-बधिर इण्टरमीडिएट कालेज स्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया है।
मानसिक दिव्यांगजन के शिक्षण हेतु जनपद इलाहाबाद में ममता विद्यालय का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
03 से 06 वर्ष के दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित एवं मानसिक मंदिता से प्रभावित बच्चों को एक छत के नीचे शिक्षित करने के उद्देश्य से 08 बचपन डे केयर सेन्टर संचालित हैं, जिनके सफल संचालन एवं दिव्यांग बच्चों की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए इस वर्ष प्रदेश के 10 मण्डलीय जनपदों में नवीन बचपन डे केयर सेन्टर स्थापित किये जा रहे है।
इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 में 1,11,097 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया तथा वित्तीय वर्ष 2017-18में 137682 में लाभार्थियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है ।
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